14 benefits of Meditation in hindi

 ध्यान का अंग्रेजी अर्थ है मेडिटेशन, मेडिटेशन हमको सभी तरह के अवसाद और रोगों से मुक्ति दिलाता है। वैसे, हम जब भी अपनी आंखें बंद करके बैठते हैं तो अक्सर हमको यह शिकायत रहती है कि पूरी दुनिया के  विचार उसी वक्त आने लगते हैं।जैसे कि बीते कल की बातें या भविष्य की योजनाएं व कल्पनाएं आदि सभी विचार मक्खियों की तरह मस्तिष्क के आसपास मंडराते रहते हैं। लेकिन हम कैसे निजात पाएं इन विचारों से? माना जाता है कि जब तक मन में विचार उत्पन्न होते है तब तक ध्यान लगाना असम्भव होता है। लेकिन आज के समय में कोई भी यह बात मानने को भी तैयार नहीं होता कि निर्विचार भी हुआ जा सकता है। लेकिन एक बार कोशिश करके देखने में क्या बुराई है। महान संत ओशो कहते हैं कि ध्यान लगाना विचारों की मृत्यु करना है। बस आप आज ही से ध्यान करना शुरू कर दें चलो जानते है ध्यान के मुख्य  लाभ।

अगर ध्यान आपकी दैनिक जीवन का हिस्सा बन गया तो यह आपके पूरे दिन का सबसे बढ़िया समय बन जाता है। आपको इससे आनंद की प्राप्ति भी होती है। फिर आप इसे धीरे धीरे पांच से पंद्रह मिनट तक बढ़ा सकते हैं। पहले पांच से पंद्रह मिनट का ध्यान आपके मस्तिष्क में शुरु में तो एक बीज के रूप से रहता है, लेकिन 3 से 4 महिने बाद यह एक स्वस्थ पेड़ का रूप लेने लगता है और फिर ध्यान लगाने के परिणाम आने शुरू हो जाते हैं।




1.पहले आपको प्रत्येक दिन में  चिंता और चिंतन के हजार विचार होते थे वहीं अब उनकी संख्या धीरे धीरे घटने लगेगी। जब यह संख्या पूरी घट जाए तो आपको ध्यान का पुर्ण लाभ मिलने लगता है। ध्यान से सर्वप्रथम सभी तरह की अनावश्यक विचारों की गतिविधि को रोका जा सकता है।


2. रोग शारीरिक व मानसिक दोनों प्रकार के होते हैं। और अवसाद को एक तरह के मानसिक रोग कहते हैं। दोनों की ही उत्पत्ति हमारे मन, मस्तिष्क और शरीर के किसी हिस्से में होती है। ध्यान हमारे उसी हिस्से को स्वस्थ कर देता है। ध्यान मन और मस्तिष्क को भरपूर ऊर्जा प्रदान करता है और मस्तिष्क को सकारात्मकता से भर देता है। और हमारा शरीर भी पहले से अधिक रोग से लड़ने की क्षमता प्राप्त करने लगता है। तथा अधिक चिंता से उत्पन्न रोगों की समाप्ति होने लगती है।


3. अपने अस्तित्व को प्राप्त करने का एक मात्र मार्ग ध्‍यान ही है। ध्यान को छोड़कर बाकी सारे उपाय सिर्फ समय की बर्बादी है। अगर आप ध्यान व मेडिटेशन नही करते हैं तो आप स्वयं को पाने से चूक रहे हैं। स्वयं को पाने का अर्थ है कि हमारे होश पर भावना और विचारों के जो बादल हैं उन्हें पूरी तरह से हटा देना और अपनी आत्मा को निर्मल तथा शुद्ध करना।  ज्ञानी पुरूष कहते हैं कि जिंदगी में सब कुछ पाया जा सकता हैं ध्यान लगाने से। ये मत भूलना आपके 70 साल सत्तर सेकंड की तरह बीत जाते हैं। योग का लक्ष्य यह है कि किस तरह वह तुम्हारी तंद्रा को तोड़ दे इसीलिए यम, नियम, आसन, प्राणायम, प्रत्याहार और धारणा को ध्यान तक पहुँचने की सीढ़ी बनाया है।

4. ध्यान करने से चेतना को जाग्रत करने में सहायता मिलती है। ध्यान से आपके अंदर सकारात्मकता बढ़ती है। जब भी आप भावनात्मक रूप से अस्थिर महसूस करते हैं, तो ध्यान आपको भीतर से हौसला बढ़ाता है। ध्यान करने से चिंता और समस्याएं का आप अच्छे से निपटारा करते है।

5. ध्यान से जहां शुरुआत में मन और मस्तिष्क को विश्राम और नई उर्जा मिलती है वहीं शरीर इस ऊर्जा से स्वयं को लाभांवित कर लेता है। ध्यान करने से शरीर की प्रत्येक कोशिका के भीतर प्राण शक्ति का संचार होता है। शरीर में प्राण शक्ति बढ़ने से आप स्वस्थ अनुभव महसूस करते हैं।

6. ध्यान के नियमित अभ्यास करना आवश्यक है। मात्र 5मिनट का ध्यान आपको भरपूर लाभ दे सकता है लेकिन शर्त है की आप नियमित करते हैं।

7. ध्यान से आपकी स्मरण शक्ति का विकास होता है। स्मरण शक्ति के बढ़ जाने से आप किसी भी उम्र में हो आपके अंदर गज़ब की स्मरण शक्ति हो जाती है। जिस कारण आप चीजो को पहले से ज्यादा याद रख पाते हैं और किसी भी हालात में भूल नहीं सकते।

8. ध्यान का मुख्य उद्देश्य मस्तिष्क शांत रखना होता है और शरीर मे रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करना है। इससे जहां रक्त संचार अच्छा रहता है वहीं आंखों की ज्योति भी बढ़ती है। और हमेसा सकरात्मक सोच रहती है

9. ध्यान से श्वास-प्रश्वास में सुधार होने से किसी भी तरह के दुख के मामले में हम आवश्यकता से अधिक चिंता नहीं करते। हमारी भावनाएं श्वास-प्रश्वास से संचालित होते हैं। श्वास-प्रश्वास के सही होने से भावनाएं भी नियंत्रित हो जाती है।

10. रोजाना तीन महीने तक सिर्फ 5 मिनट का ध्यान करने मात्र से आपके मस्तिष्क में परिवर्तन होने लगता है और आप अधिक स्वस्थ महसूस करते हैं।और आप किसी भी समस्या को पहले की अपेक्षा सकारात्मक तरीके से और कम समय में उसका हल कर सकते हैं। मात्र तीन माह में हर तरह के रोगो का नाश होने लगता है व अवसाद को मिटाने की क्षमता भी ध्यान में।

11. ध्यान का रोज अभ्यास करने से आत्मिक शक्ति बढ़ने लगती है। आत्मिक शक्ति बढ़ने से मानसिक शांति का आभास होता है। मानसिक शांति से शरीर स्वस्थ अनुभव करता है। ध्यान के नियमित अभ्यास के कारण हमारी उर्जा केंद्रित रहती है। उर्जा केंद्रित होने से हमारे मन और शरीर में शक्ति का संचार होने लगता है एवं आत्मिक बल मिलता है। 

12. ध्यान से मानसिक क्षमता बढ़ने के कारण सफलता के बारे में सोचने मात्र से ही सफलता आपके चरणों मे आने लगेगी। 

13. ध्यान या मेडिटेशन से वर्तमान स्थिति को देखने और समझने में मदद मिलती है। जब आप शुद्ध रूप से देखने की क्षमता बढ़ाते हो उससे विवेक जाग्रत होता है। विवेक के जाग्रत होने से चेतना शक्ति बढ़ती है। चेतना के बढ़ने से मृत्यु काल के समय देह के छूटने का बोध रहेगा। जब आप देह से मुक्ति पाओगे तब जन्म आपकी मुट्‍ठी में होगा। यही है ध्यान का असली महत्व।

14. अधिकतर लोग नींद न आने की परेशानी से काफी परेशान रहते हैं। एक सोध के अनुसार पता चला कि जो लोग मेडिटेशन करते हैं वह अच्छी नींद लेने में सफल हो सकते हैं। मेडिटेशन में जब आप माहिर बन जाओगे तो आपको रेसिंग या भागने के विचारों को नियंत्रित करने या पुनर्निर्देशित करने में मदद मिल सकती है जो अक्सर नींद न आने का कारण बनते हैं। मेडिटेशन एक ऐसी पद्दति है जिससे आपके शरीर को आराम देने,और तनाव मुक्त करने और आपको एक शांतिपूर्ण जिन्दगी जीने में  मदद कर सकता है।

Post a Comment

Please Select Embedded Mode To Show The Comment System.*

Previous Post Next Post